भारत में रबी की फसल अक्टूबर एवं नवंबर महीने में बोई जाती है जो कम तापमान में बोई जाती है, फसल की कटाई फरवरी और मार्च महीने में की जाती है. ऐसे में हम जानेंगे की बंपर उत्पादन के लिए क्या करें.
रबी सीजन में करें इन फसलों की खेती
हमारे देश में रबी सीजन प्रारम्भ हो चुका है. ऐसे में देश के किसान भाई रबी फसलों की बुवाई और देखभाल में बहुत ज्यादा व्यस्त हैं. ऐसे में किसानों के कार्य को बेहद आसान बनाने के लिए अब खेती तकनीक और मशीनों पर आधारित हो गई है. ऐसे में सही तरीके से खेती करने के लिए किसान भाइयों को रबी सीजन की खेती से जुड़ी सटीक जानकारी होना बेहद जरूरी है.
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अगर उन्हें मौसम और नई तकनीकों की ठीक जानकारी नहीं होगी तो फसल उत्पादन पर भी असर भी पड़ सकता है. ऐसे में किसानों को ज्यादा उत्पादन पाने के लिए क्या करना चाहिए आइए जानते हैं. भारत में रबी की फसल अक्टूबर एवं नवंबर महीने में बोई जाती है जो कम तापमान में बोई जाती है, फसल की कटाई फरवरी और मार्च के महीने में की जाती है.
आलू, मसूर, गेहूं, जौ, रेपसीड (लाही), मसूर, चना, मटर अथबा सरसों मुख्य रबी फसलें हैं. रबी सीजन की प्रमुख सब्जी फसलों की बात करें तो टमाटर, बैंगन, भिंडी, आलू, तुरई, लौकी, करेला, सेम, बंडा, फूलगोभी, पत्तागोभी, पत्तागोभी, मूली, गाजर, शलजम, मटर, चुकंदर, एवं पालक, जैसी सब्जियां मेथी, प्याज, आलू, शकरकंद आदि उगाए जाते हैं.
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इन फसलों की कर सकते हैं बुवाई
गेहूं: गेहूं रबी मौसम की महत्वपूर्ण फसलों में से एक है. गेहूं की फसल से बंपर उत्पादन लेने के लिए इसकी बुआई मध्य अक्टूबर से लेकर मध्य नवंबर तक करनी चाहिए.
जौ: जौ रबी मौसम में बोई जाने वाली महत्वपूर्ण फसलों में से एक है. इस फसल की खेती उन क्षेत्रों में करनी चाहिए जहाँ उपयुक्त सिंचाई की सही व्यवस्थाएँ हो. वहां 15 नवंबर तक जौ की बुआई कर देनी अनिवार्य है . यदि आपके बीज बोने से पहले पहले प्रमाणित नहीं हैं तो उन्हें बोने से पहले थीरम एज़ोटोबैक्टर से उपचारित अबश्य करें.
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चना: चने की बुआई 20 नवंबर तक यह कर देनी चाहिए. चने की बुआई के 25 से लेकर 30 दिन बाद खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई जरूर करनी चाहिए.
मटर: मटर की बुआई अक्टूबर से मध्य नवम्बर तक यह करनी चाहिए. खरपतवार नियंत्रण के लिए मटर की बुआई के 20 दिन बाद निराई-गुड़ाई जरूर करनी चाहिए. पहली सिंचाई मटर की बुआई के 35 से लेकर 40 दिन बाद करें. पहली सिंचाई के 6-7 दिन बाद जब फलियाँ आ जाएँ तो आवश्यकतानुसार निराई एवं गुड़ाई करें.
मक्का: मक्के की खेती उन क्षेत्रों में करनी चाहिए जहां सिंचाई की उपयुक्त व्यवस्था हो. वहां शीतकालीन मक्के की बुआई नवंबर के मध्य तक जरूर पूरी कर लेनी चाहिए. मक्के की बुआई के लगभग 25 से 30 दिन बाद पहली सिंचाई जरूर करनी चाहिए.