variety of wheat: तापमान को झेलने वाली गेहूं की सुपर किस्म – अधिक उपज और रोग प्रतिरोधक क्षमता

variety of wheat:-गेहूं की बुवाई शुरू हो चुकी है. अधिक उपज एवं गुणवत्ता वाले गेहूं के ल‍िए अच्छी नस्ल का चयन करना होगा. इसमें DBW 316 (करण प्रेमा) क‍िसानों के ल‍िए काम की किस्म है. नई क‍िस्म है और इसमें उपज अच्छी है. ये गेहूं की बायोफोर्टिफाइड किस्म है. भारत सरकार के माध्यम 6 मार्च, 2023 को जारी की गई है. कृष‍ि वैज्ञान‍िक हनीफ खान, ओम प्रकाश, सीएन मिश्रा एवं ज्ञानेंद्र सिंह ने एक लेख में कहा है क‍ि इसे भारत के उत्तर-पूर्वी उत्तर मैदानी क्षेत्रों (एनईपीजेड) के ल‍िए र‍िलीज क‍िया गया है. जिनमें पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असोम अथवा उत्तर-पूर्व के मैदानी क्षेत्र आते हैं.

variety of wheat
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variety of wheat एनईपीजेड, भारत में दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उपज क्षेत्र है. यहां धान की फसल की कटाई के बाद देर से बुआई के कारण गेहूं की फसल को दाने बनने के दौरान उच्च तापमान सहना पद जाता है. नई किस्म DBW क्षेत्र टर्मिनल हीट एवं अनेक रोगों जैसे गेहूं का रतुआ, व्हीट ब्लास्ट एवं फोलियर ब्लाइट के प्रति सहिष्णु है. इसका अर्थ ये है क‍ि इसमें ये रोग नहीं लगेंगे. ये सब खतरनाक रोग हैं.
इस वैरायटी ने एनईपीजेड में देर से बुआई की स्थिति में 68 क्विंटल प्रत‍ि हेक्टेयर उपज क्षमता है. जबकि औसत उत्पादन 41 क्विंटल प्रत‍ि हेक्टेयर है. DBW 316 बायोफोर्टिफाइड किस्म है. इसल‍िए इसमें सामान्य से ज्यादा प्रोटीन (13.2%) एवं जिंक (38.2 पीपीएम) से भरपूर है. ये गुण इस नई वैरायटी को बायोफोर्टिफाइड गेहूं के लिए सुपात्र बनाता है.

variety of wheat बायोफोर्टिफाइड मूल्य

बायोफोर्टिफाइड मूल्य एवं उच्च उपज क्षमता के साथ अच्छी गुणवत्ता के कारण ये किस्म देश की कृषि अर्थव्यवस्था एवं खाद्य तथा पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त द्वारा बन सकती है. विश्व स्तर पर गेहूं का दूसरा भारत सबसे बड़ा उपज देश है एवं इस साल 2023 में, देश में 11.2 करोड़ टन से ज्यादा गेहूं उपज का लक्ष्य रखा गया है. यह पिछले साल की तुलना में 5% ज्यादा है.

देश के गंगा मैदानी क्षेत्र में चावल-गेहूं प्रणाली दुनिया की सबसे जरुरी कृषि प्रणालियों में से एक माना जाता है. भारत के प्रमुख गेहूं उपज राज्य उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात एवं बिहार हैं.variety of wheat

ये गुण इसे क्षेत्रीय रूप से जलवायु परिवर्तन एवं उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील बनाता है. 15 नवंबर तक गेहूं की बुआई के लाभ के बावजूद, उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्र में अनेक किसान अनुशंसित समय की बजाय देर से गेहूं फसल की बुआई करते हैं.variety of wheat

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