wheat new variety: वैज्ञानिकों ने विकसित की गेहूँ की नई वैरायटी, अब नहीं लगेंगी कई बीमारियाँ और मिलेगा अधिक उत्पादन”

wheat new variety:-ICAR-IIWBR ने गेहूँ की तीन नई वैरायटी विकसित की गई हैं जो न केवल बढ़िया उत्पादन देंगी, बल्कि रतुआ जैसी अनेक बीमारियों के प्रतिरोधी भी हैं।

wheat new variety
wheat new variety

जिस प्रकार से वर्ष दर वर्ष तापमान बढ़ रहा है, इससे गेहूँ के उत्पादन पर भी असर पड़ता जा रहा है। ऐसे में वैज्ञानिक कुछ किस्मों को विकसित करने में लगे हैं, जिनसे अधिक उत्पादन भी मिल जाए और बढ़ते तापमान का भी असर न हो। आईसीएआर-भारतीय गेहूँ और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल, हरियाणा ने ऐसी ही तीन नई बायो

wheat new variety फोर्टिफाइड किस्में- डीबीडब्ल्यू 370 (करण वैदेही), डीबीडब्ल्यू 371 (करण वृंदा), डीबीडब्ल्यू 372 (करण वरुणा) विकसित की हैं। जिनका उत्पादन पहले की किस्मों से कहीं ज्यादा है। आईसीएआर-आईआईडब्ल्यूबीआर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अमित कुमार शर्मा गेहूँ की इन वैरायटी की खासियतों के बारे में गाँव कनेक्शन से बताते हैं, “जिस प्रकार तापमान बढ़ रहा है, हम लोग हीट प्रतिरोधी वैरायटी विकसित कर रहे हैं, जिससे गेहूँ उत्पादन पर असर न पड़े। ये तीन किस्में ऐसी ही किस्में हैं, ये सभी बायो फोर्टिफाइड किस्में हैं, जिनमें और भी कई खूबियाँ हैं।”

wheat new variety क्या हैं इन तीनों किस्मों की ख़ासियतें

DBW 370 (करण वैदेही), DBW 371 (करण वृंदा), DBW 372 (करण वरुणा) इन तीनों किस्मों को भारत के उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के सिंचित दशा में अगेती बुआई के लिए विकसित किया गया है। DBW 371 (करण वृंदा) सिंचित क्षेत्रों में अगेती बुवाई के लिए विकसित की गई है। इस किस्म की खेती पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा व उदयपुर सम्भाग को छोड़कर) पश्चिमी यूपी (झाँसी मंडल को छोड़कर), जम्मू कश्मीर के जम्मू अथवा कठुआ जिले , हिमाचल प्रदेश का ऊना जिला, पोंटा घाटी एवं उत्तराखंड के तराई क्षेत्रों में की जा सकती है।

DBW 370 (करण वैदेही)

इसकी उत्पादन क्षमता 86.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर एवं औसत पैदावार 74.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। पौधों की ऊँचाई 99 सेमी एवं पकने की अवधि 151 दिन अथवा 1000 दानों का भार 41 ग्राम होता है। इस किस्म में प्रोटीन कंटेंट 12 प्रतिशत, जिंक 37.8 पीपीएम और लौह तत्व 37.9 पीपीएम होता है।

कई रोगों की प्रतिरोधी हैं

wheat new variety ये तीनों किस्मों ये किस्में पीला और भूरा रतुआ की सभी रोगजनक प्रकारों के लिए प्रतिरोधक पायी गई हैं। जबकि डीबीडब्ल्यू 370 और डीबीडब्ल्यू 372 करनाल बंट रोग प्रति अधिक प्रतिरोधक पायी गई है।

Leave a Comment