Wheat News:-गेहूं रबी सीजन की सबसे ज्यादा बुआई जाने वाली फसल है. यही कारण है कि इसकी खेती भी बड़े पैमाने पर होती है. धान की कटाई के पश्चात किसान गेहूं की खेती की तैयारी शुरू हो जाती है. गेहूं की उन्नत वैरायटी व वैज्ञानिक विधि से बुआई कर उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है. इसलिए यह जरुरी है कि प्रत्येक किसान को गेहूं की खेती की नई जानकारी मिलनी चाहिए जिससे वह गेहूं की ज्यादा से ज्यादा उपज कर सकें. किसान कुछ महत्यपूर्ण बातों का ध्यान रखते हुए गेहूं की फसल को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं.
अपर जिला कृषि अधिकारी विकास मिश्रा का कहना है कि किसान भाई को कई बातों को ध्यान में रखकर गेहूं की बुआई करनी चाहिए. जैसेखेत की जुताई करने से पहले कल्टीवेटर का प्रयोग करना चाहिए. उसके बाद ही रोटावेटर एवं हैरो का प्रयोग करना चाहिए. इससे खेत की मिट्टी भुरभुरी वह मिल जाती है. खाद के रूप में अधिकतर प्रयास रहे कि जीवाश्म खादों का उपयोग हो. इसके अलावा डीएपी पोटाश एवं यूरिया का प्रयोग कर सकते हैं. किस प्रजाति के गेहूं की बुआई करनी है ये अपने क्षेत्र के मिट्टी के गुणवत्ता के आधार पर तय करना चाहिए.
Wheat News क्या होगा सिंचाई का समय
गेहूं के अच्छी उपज के लिए इसके फसल की सिंचाई समय अनुसार ही होनी चाहिए. जैसा की पहली सिंचाई 20 दिन बाद जब गेहूं ताजा मूल अवस्था में होती है. इसके बाद थोड़ी मात्रा में यूरिया का स्प्रै करना चाहिए. गेहूं के खेत में लगने वाले गेहुंसा( फ्लैरिस माइनर) एवं अन्य खरपतवार नासी का उचित प्रबंध करना चाहिए. जिससे ये गेहूं के विकास में बाधा न बने. इस प्रकार के खरपतवारनाशी का उपयोग पहली सिंचाई के बाद ही होनी चाहिए.
बुआई का सही समय
Wheat News गेहूं की बुआई का सही समय अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर नवंबर के तीसरे सप्ताह तक होता है. इस समय तक बुआई गई गेहूं की फसल अगड़ी खेती में आती है और इसकी उपज अच्छी होती है. फिर भी आप नवंबर के अंतिम सप्ताह में एवं दिसंबर के प्रथम सप्ताह में गेहूं की बुआई कर रहे हैं तो अपने क्षेत्र की मिट्टी के अनुसार उच्च क्वालिटी का ही गेहूं की किस्म चुने. हो सके तो अपनी मिट्टी का जांच नजदीक ब्लॉक में करवाया जा सके.Wheat News